etawah आज़ादी के बाद भी सङक नही, सरकार के विकास के वादे खोखले,जमीनी हकीकत चौंका देगी

चीफ एडिटर -रवि कुमार

भारत ने अपनी आज़ादी के 78 साल पूरे कर लिए हैं. इस दौरान कई क्षेत्रों में भारत ने अभूतपूर्व विकास किया है, जैसे दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण और चांद तक पहुंचने की उपलब्धि. लेकिन इन उपलब्धियों के बीच कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आती हैं, जो यह दर्शाती हैं कि आम नागरिकों को अभी भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.

दरअसल, इटावा जिले के चकरनगर विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम‌ पंचायत बिङौरी के मजरा काले पाथर व पिरौली गढिया के मजरो के करीब 50 परिवार के वासिंदो को पक्की सड़क जैसी बुनियादी सुविधा की कमी है. यह गांव आज़ादी के बाद से ही पक्की सड़क से अछूता है। और ग्रामीणों को इसकी भारी समस्या का सामना करना पड़ता है.आजादी से अब तक नहीं बनी पक्की सड़क काले पाथर की रहने वाली बुजुर्ग सुरेश सिंह‌ परिहार बताते है कि इस गांव में आज तक पक्की सड़क नहीं बनी है.कच्चे रास्ते से ही स्कूल जाना पड़ रहा है. बारिश के दिनों में अच्छा खासा कीचड़ हो जाता है. ऐसे में साइकिल तो दूर की बात है, पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.

गांव समस्याओं से जूझ रहा है. अब गर्मी के दिन है पक्की सड़क चलने वाली है लेकिन बारिश के दिनों में समस्या बढ़ जाती है. इस गांव से एक किलो मीटर दूर जगङा गांव मे प्राइमरी स्कूल है. ऐसे में इटर कांलेज के लिए बच्चो बच्चियो को चार किलोमीटर कच्चे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. वहीं, बारिश में रास्ते खराब हो जाते हैं, तो गर्ववती महिलाएँ व बीमारों को अस्पताल पहुंचाने के लिए चारपाई के सहारे अस्पताल ले जाने के लिए कङी मशक्कत करनी पड़ती है. कभी तो रास्ते मे दम तोङ देते हैं।

गांव के भीतर भी पक्की सड़क व नाली नहीं काले पाथर में सिर्फ गांव के बाहर की सड़क की समस्या नहीं है बल्कि गांव के भीतर भी पक्की सड़क नहीं है. ऐसे में बारिश के दिनों से गांव की भीतर भी समस्या बढ़ जाती है. वहीं, ग्रामीण चाहते हैं कि उनके गांव में पक्की सड़क के साथ नाली निर्माण कार्य भी हो. लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पाता. इसके अलावा इस गाव में नल जल योजना के तहत पाइप तो बिछाई गयी है, लेकिन इसमें पानी नहीं आता.

जन प्रतिनिधि कर रहे नजरंदाज इस मामले में जब दैनिक लोक भारती संवाददाता रवि कुमार ने गाँव के ग्रामीणों से बातचीत की कोशिश की तो उनकी तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिला. उन्हें खुद जानकारी नहीं थी कि यह पक्की सड़क निर्माण की फाइल कहा अटकी है जहां पर अब तक सड़क निर्माण नहीं हो पाया है.

दिनेश परिहार बताते है। कि सांसद के आवास पर गए थे. उन्होंने वादा किया था कि फाइल बनाकर भेज दी है। स्वीकृत होने बाद पक्की सड़क निर्माण करवा दी जाएगा.

95 वर्ष की शीला देवी बताती है कि सड़क न होने से बेटा बेटी पढ़ने के लिए परेशान है और बरसात के मौसम में सड़क पर गिर पड़ी जिससे हाथ टूट गया है। बहू गिर गयी उनका भी हाथ टूट गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आखरी मांग है कि गांव के लिए पक्की सड़क बनवा दी जाए जिससे गांव के लोगों को आवाजाही की दिक्कतों से परेशानी से निजात मिल सके

रात के अधेरे मे दबंग ने गांव के‌लिए जाने वाले मुख्य मार्ग सङक को जेसीबी के माध्यम से खेत मे मिला लिया हैं। आने जाने के लिए सङक को मिटा दिया हैं। करीब 50 घरों को उन्हें गांव में ही कैद कर दिया है निकालने के लिए कोई रास्ता नहीं बचा सिर्फ एक ही रास्ता था वह भी बंद कर दिया गया है। इस दौरान पिपरौली गढ़िया ग्राम प्रधान ब्रह्मानंद मुनेश कंबो जे सुखदेव खुमान कुत्तीराम राम सिंह कुंवर सिंह संतोष भवानी शंकर रंजीत फूल सिंह सर्वेश जीतू कृष्ण जीत बाबा समेत भारी संख्या में महिलाएं धरने पर बैठी रही ग्रामीणों ने अपर जिलाधिकारी अभिनंदन श्री वास्तव से दूरभाष पर बात की डरने पर बैठे ग्रामीणों को चकरनगर एसडीएम के पास पहुंचने की बात कही जिसके बाद ग्रामीणों ने धरना को खत्म करते हुए ट्रैक्टर के माध्यम से चकरनगर एसडीएम कार्यालय पहुंचे। जहाँ ग्रामीणों ने सड़क को खुलवाकर पक्की सड़क बनवाये जाने को लेकर प्रार्थना पत्र देकर मांग की है।

चकरनगर एसडीएम ब्रह्मानंद कठेरिया बोले कि काले पाथर गांव के ग्रामीणों द्वारा शिकायत दी गई है जिसमें काफी पुराना सङक को करीब 300 मी० किसी काश्तकार के खेत से होकर निकला था।जो उसने कब्जा कर लिया है‌‌‌। राजस्व टीम और पुलिस टीम को गठित कर दिया है कल टीम को भेज कर पैमाइस करवा कर ग्रामीणों को निकालने के लिए सङक दिलवाया जाएगा। यह हमारी प्राथमिकता है। गांव में आज तक विकास कार्य नही होने पर बोले की ग्राम विकास विभाग में बात कर ग्रामीणों की समस्याओं का निदान करवाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!