इटावा। केंद्र हो या राज्य सरकार स्वच्छता अभियान को गति देने के लिए संकल्पित है। कूड़े-कचरे के ढेर से लोगों को दूर रखना चाह रही है। लेकिन सरकारी तंत्र अभियान की हवा निकाल रहा है।

गांव निवासी सतीश व बृजेश व धमेन्द्र व रेखा ममता सुनीता रामवती ज्ञान देवी नेमादेवी फूलमती सुख देवी आदि ने बतायाकि प्रशासनिक अनदेखी के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत तालाब सफाई व खुदाई कार्य राकेश लाला के घर के पास कांकरपुर तालाब सौन्दर्यीकरण पर लाखों रूपए खर्च के बाद भी तालाब में गंदगी का अंबार लगा है। मामला बढपुरा ब्लांक क्षेत्र के कांकरपुर गांव स्थित तालाब का है। परन्तु तालाब की स्थिति गन्दगी से काफी बदतर है। तालाब पर पीपल के नीचे छाव मे गर्मी मे बैठने के लिए लोग हिम्मत तो करते है लेकिन दुर्गंध की वजह से लोग वहां नहीं बैठ पाते है।ग्राम पंचायत तालाब की सफाई करवाती है। 2022-23 वर्ष मे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्राम रोजगार गारंटी अधिनियम मद की करीव 2 लाख की राशि से तालाब की सफाई व खुदाई कार्य करवाया गया था। परन्तु देख रेख के अभाव में तालाब का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। गांव की गोलियों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है जबकि हर ग्राम पंचायत में रोस्टर के हिसाब से सफाई कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं लेकिन उसके बाद भी सालों साल सफाई कर्मी गांव में दिखाई नहीं देते सिर्फ ग्राम प्रधान से और अन्य अधिकारियों से साठ गांठ कर प्रमाण पत्र लेकर अपनी मानदेय राशि निकालकर आराम से नौकरी कर रहे हैं। और गांव की गलियां गंदगी से भरी पङी हैं। वहीं लोगों को संक्रमण फैलने का खतरा सता रहा हैं। लेकिन इस ओर जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.
वही इस बाबत् बढपुरा विकास खण्ङ अधिकारी बृज बिहारी त्रिपाठी से दूरभाष पर बात की तो बोले कि गन्दगी की नालियों और तालाब गन्दगी की फोटो उपलब्ध करा दें जिससे कल सफाई कर्मचारियों को भिजवाकर गांव में साफ सफाई करवा दी जाएगी।